The Trial Review:इस कोर्ट रूम ड्रामा में दलीलें ही कमजोर है

0
345

कई असफल फिल्मों का निर्माण करने के बाद अजय देवगन इस बार वेब सीरीज में किस्मत आजमा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने काजोल पर दांव खेला है. एडल्ट कंटेंट के बाद कोर्ट रूम ड्रामा आज ओटीटी का पसंदीदा सब्जेक्ट बन चुका है. अजय देवगन भी की इसी फॉर्मूले पर आगे बढ़ते नजर आये जिसमें उनकी उम्मीदों को निर्देशक सुपर्ण वर्मा परवान चढ़ा रहे हैं

सीरीज की कहानी नोयोनिका सेनगुप्ता यानी काजोल के आसपास घूमती है जो वकालत छोड़कर घर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. उसकी जिंदगी में तब भूचाल आ जाता है जब जज पति पर आरोप लगता की वो लोगों का फायदा उठा रहे हैं. पति को बचाने के लिए काजोल एक बार वकील का चोंगा पहन लेती है। क्या वो अपने पति को बेगुनाह साबित कर पाती है ? इसका जवाब तो आपको पूरी सीरीज देखने के बाद ही मिलेगा.


द ट्रायल’ के जरिए काजोल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में से एक हैं और आज भी उनकी अदाकारी का जवाब नहीं। लेकिन यही इस सीरीज की कमजोर कड़ी भी है. काजोल को चमकाने के चक्कर में बाकी किरदारों को उभरने का मौक़ा ही नहीं दिया गया. इस सीरीज में एली खान, गौरव पांडे और शीबा चड्ढा भी सहायक रोल में ठीक लगे।
कानूनी दांव पेंचों पर पहले काफी कंटेंट बन चुका है लेकिन तब भी यहां हर एपिसोड में आने वाला हर नया कैसे आपकी दिलचस्पी बनाए रखता है. जज और वकीलों के बीच की बातचीत मजेदार लगती है.कुछ सीन हजम नहीं भी होते. लगता है बेहतर हो सकते थे लेकिन ऐसे बहुत कम सीन है.वैसे काजोल की एक्टिंग पसंद हो तो आप ये सीरीज देख सकते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here