तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ पॉजिटिली ही नहीं होता बल्कि बुरी शक्तियां भी इसके इस्तेमाल में उतनी ही होशियार होती है। इसलिए तकनीक से विनाश और विकास दोनों संभव है. अरशद वारसी वरुण सोबती और अनुप्रिया गोयनका की वेब सीरीज ‘असुर-2’ का कुल जमा निचोड़ यही है लेकिन इसका प्रेंटेशन कमाल का है. तीन साल पहले वूट सिलेक्ट पर आई वेब सीरीज असुर का दूसरा सीजन अब जियो सिनेमा है.
असुर 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहला सीजन खत्म हुआ था. इस बार शुभ की कहानी कलि और कल्कि के अवतार की अवधारणा लेकर आगे बढ़ती है. समुद्र मंथन में पहले विष और फिर अमृत पी चुका कलि रूप बदल-बदल कर युगों-युगों से जिंदा है. वह मानवता को खत्म करने के मिशन पर है. वह स्वार्थ से आगे कुछ नहीं देखता और समझाता है कि जो कुछ हो रहा है, वह नियति है. अंत में सब नष्ट हो जाना है. कलि ध्वंस करता जाता है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि लोगों को बचाने के लिए कल्कि का अवतार कब होगाॽ असुर 2 की कहानी में पिछले सीजन के मुकाबले सबसे बड़ा फर्क यह है कि यहां असुर यानी शुभ ने आधुनिक तकनीक को लड़ाई का हथियार बनाया है. वह आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में उतरता है और तीक्ष्ण बुद्धि से उसका इस्तेमाल सीख कर पूरे देश और सत्ता को तक हिला देता है.\अगर आपने असुर का पहला सीजन देखा है तो निश्चित ही दूसरा आपकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगा.
कलाकारों की बात करें तो इस सीरीज के पहले सीजन में अरशद वारसी ज्यादा प्रभावी थे. इस सीरीज में उनका काम औसत है. वरुण सोबती कहीं ज्यादा एक्टिव नज़र आए. रिद्धि डोगरा और अनुप्रिया गोयनका ने बस खानापूर्ति की है. सीरीज के असली हीरो तो अथर्व ही हैं. लीक से हटकर कुछ देखने का शौक हो तो असुर-2 एक सही फैसला साबित हो सकता है।