फिल्म ‘ब्लाइंड’ के जरिये सोनम कपूर चार साल बाद एक्टिंग के मैदान में वापसी कर रही है। लेकिन उनका अंदाज़ बिल्कुल नहीं बदला। ब्लाइंड एक सधी हुई क्राइम थ्रिलर है जहां एक्टर अपने हाव-भाव के जरिए भी कहानी को गति दे सकता था लेकिन सोनम कपूर के लिए ये मुश्किल भरा काम रहा. जहाँ भी उन्होंने कोशिश की एकदम एक्सपोज हो गई। ‘ब्लाइंड’ बड़े पर्दे के बजाय सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है.शोम मखीजा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सोनम कपूर के साथ पूरब कोहली भी ली अहम रोल में हैं.
ब्लाइंड एक थ्रिलर फिल्म है, जिसकी कहानी स्कॉटलैंड में स्थापित की गई है.कहानी की बात की जाए तो इसका प्लाट जबरदस्त है. एड्रियन और जिया अनाथ हैं, जिन्हें मरिया (लिलिट दुबे) ने गोद लिया है. एड्रियन रैपर बनना चाहता है, इसलिए वह पढ़ाई छोड़कर क्लब वापस जाना चाहता है, लेकिन जिया उसे रोकने के लिए हथकड़ी से बांध देती है.हथकड़ी की चाबी लेने के चलते कार में जिया और एड्रियन की झड़प होती है और कार का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसमें जिया अपनी आंखें और अपने छोटे भाई को खो देती है. भाई की मौत का सदमा झेल रही जिया के पास अब नौकरी भी नहीं है. एक रात जिया अपनी मां से मिलने जाती है. जब वह अपनी मां से मिलकर वापस आ रही होती है, उसे एक टैक्सी ड्राइवर के रूप में साइको किलर (पूरब कोहली) मिल जाता है.किलर खुद को टैक्सी ड्राइवर बताता है और जिया को अपनी कार में बैठाता है. रास्ते में झड़प होती है और वह किसी तरह बचकर किलर के कब्जे से भाग निकलती है. जिया किसी तरह पुलिस के पास पहुंचती है, लेकिन उसे खास फायदा नहीं मिलता.
पुलिस ऑफिसर पृथ्वी (विनय पाठक) किसी तरह जिया की बात मानता है और मामले की जांच शुरू करता है. लेकिन, उसे नहीं पता कि जिस किलर को वो ढूंढ रहे हैं वह कितना खतरनाक और चालाक है. इसके बाद जिया और किलर में ये खींच-तान पर्सनल हो जाती है. आगे क्या होता है, जिया को इस किलर से छुटकारा मिलता है या नहीं ये देखने के लिए फिल्म देखिए.
फिल्म की कहानी में थ्रिल का जबरदस्त एलिमेंट है. लेकिन इसमें बैलेंस नज़र नहीं आता। कहीं फिल्म तेज गति से आगे बढ़ती है तो कहीं सुस्त पड़ जाती है ,इससे दर्शकों का ध्यान भांग हो जाता है. पूरब कोहली के किरदार को establish नहीं किया गया जिससे ुकी परतें खुल नहीं पाती। वैसे कहानी का नयापन इस फिल्म से दर्शकों को जोड़ सकता है.