रेखा की निजी ज़िन्दगी को जितनी बार जितने एंगल से देखा गया उनका व्यक्तित्व जीवन उतना ही रहस्यमयी होता चला गया. अब भी उनके व्यक्तित्व पर इतनी परतें जमी हुई है कि उसके पार झांकने के लिए शायद सबसे पावरफुल टेलीस्कोप की जरूरत पड़े. कुछ लोगों ने और कुछ खुद रेखा ने ही अपनी शख्सियत को इतना उलझा लिया है कि उनके बारे में हर रहस्योद्घाटन नया ही लगता है. बहरहाल यहां बात रेखा और विनोद मेहरा के रिश्तों की हो रही.
विनोद मेहरा की ज़िन्दगी रेखा की तरह ही डांवाडोल थी. उनकी पहली पत्नी मोनिका उन्हें छोड़ चुकी थी और दूसरी पत्नी बिंदिया गोस्वामी उन्हें छोड़कर अपने मायके में रह रही थी. रेखा से उनकी मुलाकात फिल्म “घर” के सेट पर हुई. शूटिंग के दौरान दोनों एक- दूसरे के करीब आए. दो तन्हा दिल मिले तो हमेशा के लिए एक होने की ठान ली.
तथ्यों के मुताबिक़ 1973 में दोनों ने अचानक शादी का फैसला कर लिया और कोलकाता जा पहुंचे. कोलकाता के पार्क सर्कस एरिया के एक मंदिर में दोनों ने शादी कर ली. मौसमी चटर्जी के पति रितेश चटर्जी इस शादी के मेजबान बने और मौसमी रेखा की गवाह बनी.
शादी के बाद दोनों कुछ दिनों तक कोलकाता में ही रुके रहे और शॉर्टटर्म हनीमून के बाद मेहरा रेखा को लेकर मुंबई स्थित अपने घर पहुंचे तो मेहरा की मां कमला मेहरा रेखा को देखते ही आगबबूला हो उठी. रेखा जैसे ही उनके पाँव छूने को आगे बढ़ी कमला मेहरा ने रेखा को चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया. विनोद मेहरा ने किसी तरह रेखा को अपनी मां के चुंगल से छुड़ाया और रेखा को उनके घर पहुंचा दिया. विनोद मेहरा अपनी मां के खिलाफ जाकर रेखा को अपनाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और रेखा ने भी ज्यादा इंतज़ार ना करते हुए किरण कुमार के साथ प्यार का नया चैप्टर खोल दिया.