अमिताभ बच्चन भले ही डायलोग डिलीवरी के बादशाह हैं, लेकिन कई बड़े कलाकारों की तरह शुरुआत में उन्हें भी डांस से काफी डर लगता था. महमूद साहब ने जब उन्हें फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में पहली बार हीरो का रोल सौंपा तो उनके अपोजिट अरुणा ईरानी थी जो डांस में काफी कुशल मानी जाती हैं. अब अगर अरुणा ईरानी हीरोईन हो और उनके साथ हीरो का कोई डांस सीक्वेंस ना हो तो ऐसा कैसे हो सकता है. जब महमूद साहब ने बच्चन को इस डांस सीक्वेंस के बारे में बताया तो पहले वो ना नुकुर करने लगे. महमूद की जिद्द पर जब वो तैयार हुए तो पहले ही शॉट में भाग खड़े हुए और अपने कमरे में जाकर रोने लगे.
अमिताभ बच्चन को इतना नर्वस देख कर महमूद साहब ने एक तरकीब निकाली. ये डांस सीक्वेंस बस में फिल्माया जाना था. बस में बैठे लोगों से महमूद साहब ने कहा की भले ही अमिताभ कितना भी खराब डांस करें उन्हें जोर-जोर से तालियाँ बजाकर दाद देनी है ताकि उनकी हौसला आफजाई हो सके. फिर उन्होंने अमिताभ से कहा की तुम्हें जैसा भी आता हो वैसा ही कर दो हम उसी को फिल्म में रख देंगे.
अमिताभ इसके लिए तैयार हो गए. जैसे ही बस में उन्होंने पहला स्टेप किया बस में सवार लोगों ने तालियाँ बजाकर उनका जबरदस्त उत्साह बढ़ाया. इस हौसलाअफजाई से अमिताभ का हौसला बढ़ा और वो ध्यान से डांस डाइरेक्टर को फोलो करने लगे और आखिरकार ठीक-ठाक डांस कर ही लिया. बाद में उनके ख़राब शॉट को महमूद साहब ने आख़िरी में फिर से फिल्माया. ये अमिताभ बच्चन के करियर की ऐसी याद थी जो उन्हें हमेशा याद रही.