1989 में जब बोनी कपूर ने अपने छोटे भाई संजय कपूर को बॉलीवुड में लांच करने का मन बनाया तो उन्होंने शिल्पा शिरोडकर को उनकी हेरोइन बनाकर शेखर कपूर के निर्देशन में फिल्म ‘प्रेम’ के निर्माण की घोषणा की. शेखर कपूर ने देव आनंद की सिफारिश पर शिल्पा को हटाकर तब्बू को इस फिल्म के लिए साइन कर लिया. लेकिन जब तब्बू की बड़ी बहन फराह को इस बारे में पता चला तो अनिल कपूर के साथ पुरानी दुश्मनी का हिसाब चुकता करने के लिए फरहा ने ऐसी चाल चली कि ये तब्बू के करियर के लिए काफी घातक साबित हुआ और तब्बू का करियर बर्बाद होते-होते बचा.
फराह और अनिल कपूर के बीच काफी अनबन थी, जिसकी वजह से फराह नहीं चाहती थी कि तब्बू संजय कपूर के साथ काम करे. जब बोनी से मनमुटाव के बाद शेखर कपूर ने बीच में ही फिल्म छोड़ दी तो फराह के भड़काने पर तब्बू ने भी खुद को इस फिल्म से अलग कर लिया. बोनी और तब्बू के बीच पांच साल का कॉन्ट्रेक्ट था और उनके मुताबिक़ तब्बू पांच सालों तक किसी और के साथ काम नहीं कर सकती थी. जैसे ही तब्बू ने फिल्म छोड़ने का ऐलान किया बोनी ने मामले को कोर्ट में घसीट लिया. इसी बीच तब्बू ने अजय देवगन के साथ फिल्म ‘विजयपथ’ साइन कर शूटिंग शुरू कर दी. बोनी के कोर्ट पहुंचते ही विजयपथ की शूटिंग भी रुक गई. मामला कोर्ट में था इसलिए कोई भी तब्बू को अपनी फिल्म में लेने को तैयार नहीं था. इधर बोनी कपूर ने भी ‘प्रेम’ को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
पांच साल तक तब्बू किसी और फिल्म में काम नहीं कर सकती थी और बोनी भी अपनी फिल्म शुरू करने को तैयार नहीं थे. अब तय था कि कॉन्ट्रेक्ट में बंधे होने के कारण पांच साल तब्बू को इंतज़ार करना था. जाहिर है इससे उनका करियर शुरू होने से पहले ही ख़त्म होने की कगार पर पहुंच गया. मामला की गंभीरता का एहसास होते ही देव आनंद की सलाह पर तब्बू और उसकी मां बोनी से माफी मांगने उनके घर पहुंच गए. देव साहब की सिफारिश पर बोनी मान गए और इस तरह सतीश कौशिक के निर्देशन में ‘प्रेम ‘ की शूटिंग शुरू हुई.