अभिनेता राज कुमार भले ही कहीं के राजकुमार नहीं थे, लेकिन उनके शौक और उनकी सनक किसी महाराजाओं से कम नहीं थे. राज कुमार कब किस चीज की जिद्द कर बैठें ये तो खुद उन्हें भी पता नहीं होता था. लेकिन मजे की बात ये थी कि निर्माताओं को उनकी जिद्द झख मारकर पूरी करनी पड़ती थी. साल 1982 में फिल्म ‘धर्मकांटा’ की शूटिंग के दौरान जब राज कुमार ने असली हीरे के साथ शूटिंग करने की डिमांड रख दी तो निर्देशक सुलतान अहमद के होश उड़ गए.
धर्मकांटा में भवानी सिंह का रोल प्राण कर रहे थे. उन्होंने इस फिल्म की कुछ दिनों तक शूटिंग भी की थी. अचानक सुलतान अहमद को महसूस हुआ कि प्राण साहब इस रोल में फिट नहीं बैठ पा रहे इसलिए उन्होंने फिल्म से प्राण को निकालकर राज कुमार को ले लिया. इस फिल्म में राज कुमार को हाथ में एक डायमंड नेकलेस के साथ दिखाया जाना था. अहमद ने आर्टिफिशियल नेकलेस मंगवाया था जो हूबहू असली की तरह दिखता था.
जब राज कुमार ने इस नेकलेस को हाथ में लिया तो वो पहचान गए कि ये नकली है. उन्होंने इस नेकलेस को फेंकते हुए अहमद से कहा कि वो नकली चीजों के साथ शूटिंग नहीं करते. बेहतर है असली डायमंड का नेकलेस ढूंढ कर लाओ तभी वो शूटिंग करेंगे. ये सुनना था कि सुलतान अहमद के होश उड़ गए. अब भला असली नेकलेस कहाँ से लाएं..?? इधर राज कुमार अपनी बात से टस से मस होने को तैयार नहीं थे. निर्माता को राज कुमार की जिद्द के बारे में बताया गया. मामला बिगड़ते देख निर्माता ने ख़ास तौर पर असली हीरे का नेकलेस बनवाकर मंगवाया तब कहीं जाकर राजकुमार ने शूटिंग पूरी की. शूट के बाद राज कुमार ने असली हीरे का ये नेकलेस अपने पास ही रख लिया.