राजकपूर ने शशि कपूर को दिया था टैक्सी का खिताब

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               जब राजकपूर को करना पड़ा शशिकपूर के डेट्स का इंतज़ार

शशि कपूर अपने समय के व्यस्ततम अभिनेताओं में से एक रहे हैं. सत्तर के दशक में शशि कपूर लगभग 150 फिल्मों के अनुबंध थे. वह एक दिन में तीन या चार फिल्मों की शूटिंग में पहुंच जाते थे. इन्हीं दिनों राज कपूर सत्यम शिवम् सुंदरम शुरू करना चाहते थे. लेकिन इसके लिए शशि बड़े भाई को डेट्स नहीं दे पा रहे थे. जिससे नाराज राज कपूर ने उन्हें टैक्सी का खिताब देते हुए था कि, “शशि एक ऐसी टैक्सी है, जिसे जब बुलाओ आ तो जाता है, लेकिन मीटर हमेशा डाउन रहता है.”कपूर खानदान से ताल्लुक रखने के कारण ऐसा माना जा सकता है कि शशि कपूर का फिल्मों में आगमन काफी आसानी से हुआ होगा, लेकिन ऐसा है नहीं.

18 मार्च, 1938 को जन्मे शशि कपूर उर्फ़ बलबीर राज कपूर ने 1944 में अपना करियर पृथ्वी थिएटर के नाटक ‘शकुंतला’ से आरंभ किया. राज कपूर की पहली फिल्म ‘आग’ तथा तीसरी फिल्म ‘आवारा’ में उन्होंने राज कपूर के बचपन की भूमिकाएं निभाने के बाद यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से शशि कपूर एंट्री हिंदी फिल्मों में हुई. इसके पहले वो नाटकों में काम करते रहे. साल 1957 में साहसी कपूर ने जॉफरी केण्डल की टूरिंग नाटक कंपनी को ज्वाइन करने के साथ शेक्सपीयर के नाटकों में विभिन्न रोल अदा करने लगे. इसी दौरान जॉफरी केण्डल की युवा बिटिया जेनिफर को उन्होंने नजदीक से देखा और वे प्यार की आंच में तपकर शादी के मण्डप तक जा पहुंचे. कपूर खानदान में इस तरह की यह पहली शादी थी.

फ्लॉप रहा शुरूआती दौर
‘धर्मपुत्र’ के बाद शशि कपूर ने ‘चारदीवारी’ और ‘प्रेमपत्र’ जैसी असफल फिल्मों में काम किया. इसके बाद उनकी ‘मेहंदी लगी मेरे हाथ’, ‘मोहब्बत इसको कहते हैं’, ‘नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे’, ‘जुआरी’, ‘कन्यादान’, ‘हसीना मान जाएगी’ जैसी फ़िल्में आई, लेकिन सारी नाकामयाब रही.

‘जब-जब फूल खिले’ से महके शशि कपूर
सही मायने शशिकपूर की कामयाबी का सफर शुरू हुआ साल 1965 में बनी सूरज प्रकाश निर्देशित फिल्म ‘जब-जब फूल खिले’ से. यह फिल्म उनके लिए गोल्डन जुबिली साबित हुई. इस फिल्म में उनकी नायिका थी नंदा. फिल्म के साथ ही यह जोड़ी भी हिट हो गई. इस फिल्म के बाद उनके पास फिल्मों के अंबार लग गए. लेकिन उनकी यही व्यस्तता उनके लिए अभिशाप साबित हुई. जरूरत से ज्यादा फिल्मों में काम करने के कारण शशि ने अभिनय की गुणवत्ता खो दी. इस दौरान उन्होंने ऐसी कई महत्त्वहीन फिल्में की, जिसने उनकी फिल्मोग्राफी को कमजोर बना दिया.

हॉलीवुड में बॉलीवुड के पहले अभिनेता
आज अगर बॉलीवुड के किसी अभिनेता या अभिनेत्री को हॉलीवुड की फिल्मों में काम करने का मौक़ा मिलता है, उसे उनकी बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया जाता है. फिर भले ही वो रोल छोटा या महत्त्वहीन ही क्यों न हो..! लेकिन शशि कपूर भारत के पहले ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटिश और अमेरिकी फिल्मों में भी काम किया. इनमें ‘द हाउसहोल्डर’, ‘शेक्सपीयरवाला’, ‘बॉम्बे टॉकीज’ तथा ‘हिट एंड डस्ट’ जैसी फिल्में शामिल हैं. जेम्स आइवरी और इस्माइल मर्चेण्ट की जोड़ी की तीसरा कोण शशि कपूर थे. ‘द हाउस होल्डर’, ‘शेक्सपीयरवाला’, ‘बॉम्बे टॉकीज’ तथा ‘हिट एंड डस्ट’ आदि ऐसी फ़िल्में हैं, जो विदेशों के साथ भारत में भी सराही गई.

अमिताभ का साथ रहा गोल्डन टच
अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी और दर्शकों द्वारा पसंद की गई. इनकी जोड़ी ने ‘दीवार’, ‘कभी-कभी’, ‘त्रिशूल’, ‘काला पत्थर’, ‘ईमान-धरम’, ‘सुहाग’, ‘दो और दो पांच’, ‘शान’, ‘नमक हलाल’ और ‘सिलसिला’ जैसी कई यादगार फिल्में दी हैं.

फिल्म निर्माण में उतरे शशि
करियर के ढलान पर शशि अपने होम प्रोडक्शन ‘शेक्सपीयरवाला’ के द्वारा फिल्म निर्माण में उतरे और अलग तरह का परचम फहराने की कोशिश की. देश के दिग्गज फिल्मकारों के सहयोग से उन्होंने श्याम बेनेगल के माध्यम से ‘जूनून’ तथा ‘कलयुग’ अपर्णा सेन के निर्देशन में ’36 चौरंगी लेन’, गोविंद निहलानी से ‘विजेता’ तथा गिरीश कर्नाड से ‘उत्सव’ निर्देशित करवाकर अलग प्रकार का सिनेमा रचने की कोशिश में करोड़ों रुपये गंवाए, लेकिन ये सारी फिल्में आज भी मील का पत्थर मानी जाती हैं.

 

घाटे का सौदा रहा फिल्म निर्माण
भारत-सोवियत सहयोग तथा अपने निर्देशन में उनकी फिल्म ‘अजूबा’ शशि के जीवन की ऐसी बड़ी गलती है जिसने उन्हें परदे के पीछे पहुंचाकर करोड़ों के घाटे में उतार दिया. साल 1971 में पृथ्वीराज कपूर के निधन के बाद शशि कपूर ने पत्नी जेनिफर के साथ मिलकर पृथ्वी थियेटर की जिम्मेदारी संभाल ली. आज भी उनकी बेटी संजना कपूर थियेटर को लेकर कपूर खानदान के जूनून को आगे बढ़ा रही है. इस्माइल मर्चेंट की भोपाल में बनी फिल्म ‘इन कस्टडी मुहाफिज’ के बाद शशि कपूर ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया.

79 साल के शशि कपूर को हाल ही में सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. आजकल वो घर पर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. शशि कपूर को जन्मदिन की शुभकामनाएं..!

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