संजय दत्त शुरुआती दौर में निर्माता-निर्देशकों के लिए किसी सरदर्द से कम नहीं थे ड्रग्स की लत के कारण वो अक्सर सेट से गायब हो जाते या फिर शूटिंग करने से ही मना कर दते. बावजूद इसके उन्हें फिल्मों में काम मिल ही जाता था. शायद इसकी वजह उनके पिता सुनील दत्त का रेपुटेशन और रिकमंडेशन ज्यादा था. सुभाष घई की फिल्म ‘विधाता’ के दौरान बाबा ने अपनी हीरोइन पद्मिनी कोल्हापुरे को इतना परेशान कर दिया कि नाराज घई ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.
सेट पर नशे में धुत्त रहते संजू बाबा
‘विधाता’ दिलीप कुमार ,संजीव कुमार और शम्मी कपूर जैसे बड़े सितारों से सजी एक मल्टीस्टारर फिल्म थी. घई ने बड़ी मशक्कत के बाद इन बड़े सितारों को एक साथ अपनी फिल्म में इकट्ठा किया था. फिल्म में संजय दत्त की एंट्री निर्माता गुलशन राय की सिफारिश पर हुई थी. संजू बाबा उन दिनों बुरी तरह ड्रग्स के शिकार हो चुके थे और सेट पर भी नशे में धुत्त रहते थे. सीनियर कलाकारों के बीच संजय दत्त की इस बददिमागी से निर्देशक सुभाष घई बुरी तरह परेशान हो चुके थे, लेकिन वो जैसे-तैसे फिल्म को पूरी कर लेना चाहते थे. इसलिए वो संजू बाबा की हर हरकत को नजरअंदाज कर देते थे.
सेट छोड़कर भागी पद्मिनी कोल्हापुरे
एक दिन संजय दत्त और पद्मिनी कोल्हापुरे के बीच रोमांटिक सीन फिल्माया जा रहा था. शूटिंग के दौरान बाबा पद्मिनी के साथ ऐसी हरकतें करने लगे जिससे पद्मिनी बुरी तरह घबरा गई और सेट छोड़ भाग गई. घई के काफी समझाने-बुझाने के बाद पद्मिनी वापस सेट पर आई तो संजय दत्त नशे में पूरी तरह धुत्त थे और शूट के लिए तैयार नहीं थे. दत्त को आनाकानी करते देख घई का पारा चढ़ गया और उन्होंने एक जोरदार थप्पड़ संजय दत्त को रसीद कर दिया. उसके बाद जैसे-तैसे इस सीन को शूट किया गया.
ड्रग्स एडिक्शन की लत ने छीना ‘हीरो’
विधाता 1982 में रिलीज हुई और जबरदस्त हिट रही. इसके बावजूद घई ने संजय दत्त को अपनी अगली फिल्म ‘हीरो’ से निकाल बाहर किया और उनकी जगह जैकी श्रॉफ को कास्ट कर लिया. हीरो भी हिट रही और इसके साथ ही जैकी श्रॉफ स्टार बन गए. इस तरह संजय दत्त के ड्रग्स एडिक्शन ने जैकी श्रॉफ को बड़ा स्टार बना दिया.