नमस्कार दोस्तों ! बॉलीवुड शोमैन कहे जाने वाले सुभाष घई ने कई कलाकारों को स्टार बनाया। माधुरी दीक्षित की सफलता को भी सुभाष घई की ही देन माना जाता है। लेकिन ऐसी क्या वजह है कि आज माधुरी दीक्षित आज सुभाष घई की शकल भी नहीं देख्नना चाहती। माधुरी के लफड़े के इस एपिसोड में आज उठाते हैं इस राज से पर्दा। ..
राम लखन के बाद लगातार हिट फिल्मों ने माधुरी के करियर को बुलंदियों पर पहुंचा दिया और उनके पास नए नए ऑफर्स की झड़ी लग गई लेकिन सुभाष घई माधुरी पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते थे.लेकिन धीरे-धीरे माधुरी ने घई से दूरी बना ली। 1993 में घई ने माधुरी को अपनी फिल्म ‘खलनायक’ में इसलिए कास्ट किया क्योंकि उन दिनों माधुरी और संजय दत्त इंडस्ट्री के ऑफस्क्रीन हॉट पेयर माने जाते थे. माधुरी ने ये फिल्म घई के पुराने एहसान के कारण स्वीकार किया या संजय दत्त के कारण ये तो कहना मुश्किल है लेकिन इस फिल्म की कामयाबी ने माधुरी के स्टारडम को और ऊपर उठा दिया. दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म के बाद माधुरी ने घई और संजय दत्त दोनों को ठेंगा दिखा दिया। दरअसल इस फिल्म के दौरान घई ने माधुरी दीक्षित से ‘नो प्रेग्नेंसी’ क्लॉज साइन करवाया था. जिसके तहत माधुरी के सामने फिल्म की मेकिंग के दौरान शादी या प्रेग्नेंट न होने की शर्त रखी गई थी. ये एक तरह से काफी अपमानजनक शर्त थी लेकिन माधुरी को ये बात माननी पडी। लेकिन इस शर्त के कारण माधुरी ने घई से हमेशा के लिए नाता तोड़ लिया। ‘राम लखन’ के 30 साल पूरे पर सुभाष घई ने फिल्म की पूरी टीम के लिए एक पार्टी भी रखी है.पर इस पार्टी से माधुरी दीक्षित नदारद रहीं. क्योकि सुभाष घई ने माधुरी दीक्षित को पार्टी के लिए इनवाइट ही नहीं किया .इससे दोनों के तल्ख़ रिश्ते का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
दोस्तों ! सुभाष घई और माधुरी दीक्षित पूरे वाकये में माधुरी एक पीड़िता नज़र आती है.लेकिन ऐसा नहीं है. जो माधुरी घई के साथ काम करने के लिए समझौते कर सकती है उसके लिए ये कॉन्ट्रक्ट कोई बड़ी बात नहीं थी। दरअसल अपना करियर बनाने के लिए माधुरी ने कई लोगों का बड़ी होशियारी से इस्तेमाल किया। उनमें मिथुन चक्रवर्ती का नाम भी शामिल है. अगले एपिसोड में हम आपको इस बारे में जानकारी देंगे।