छोटे नवाब की बड़ी बेगम की पिछली कड़ी में हमने आपको बताया कि जैसे ही अमृता सिंह और सैफ अली खान की शादी की खबर फैली पटौदी खानदान में भूचाल आ गया। उस समय सैफ अली खान केवल 20 साल के थे और लगभग बेरोजगार भी। ऐसे में 32 साल की दुल्हन को पटौदी खानदान भला कैसे एक्सेप्ट करता। लेकिन सैफ पर अमृता सिंह का भूत इस कदर सवार था कि वो अपने ही खानदान के खिलाफ बगावत पर उतर आए.
सैफ के पिता नवाब मंसूर अली खान पटौदी चाहते थे कि सैफ उनकी तरह ही क्रिकेटर बने लेकिन सैफ का झुकाव मां शर्मिला टैगोर की फिल्मी विरासत की तरफ ज्यादा था। लेकिन वो किसी भी प्रोफेशन को लेकर सीरियस नहीं थे। ऐसे में जब उन्होंने खुद से 12 साल बड़ी अमृता सिंह से शादी का ऐलान किया तो पूरा परिवार बुरी तरह भड़क उठा. कहते हैं कि उनके पिता ने शादी की सूरत में अपनी जायदाद से बेदखल करने की भी धमकी दी थी लेकिन इसका भी सैफ पर कोई असर नहीं पड़ा। उधर मंसूर अली खान भी अपनी जिद्द पर अड़े थे। आखिरकार साल 1991 में सैफ अली खान और अमृता सिंह ने छुपकर शादी कर ली। इस शादी के बाद पटौदी खानदान मजबूर हो गया और उन्होंने अमृता सिंह को बहु के रूप में एक्सेप्ट तो नहीं किया लेकिन बेटे की खातिर अपने घर में जगह जरूर दे दी। थोड़े दिन बाद इस शादी के रिसेप्शन की रस्म भी अदा की गई जहाँ करीना कपूर भी बतौर गेस्ट मौजूद थी।
दोस्तों ! कहते हैं पति-पत्नी के बीच उम्र का फैसला बहुत मायने रखता है। कभी-कभी ये पॉजिटिव भी होता है लेकिन सैफ के मामले में उल्टा हुआ। सैफ का लड़कपन और किसी भी चीज को गंभीरता से ना लेने की आदत ने अमृता सिंह के अंदर एक असुरक्षा की भावना पैदा कर दी जिसका असर भी जल्द ही दिखने लगा। इस सीरीज की अगली कड़ी में आपको बताएँगे कि उम्र के इस फासले ने पटौदी खानदान में कैसे कोहराम मचा कर रख दिया।