‘लस्ट स्टोरीज ऑफ बॉलीवुड’ सीरिज में हम आपके सामने बॉलीवुड सितारों के जिस्मानी प्यार की पोल खोलते हैं.इस कड़ी में हम आज बात करेंगे सिंगर रूप कुमार राठौड़ की और आपको बताएँगे की कैसे भजन गायक अनूप जलोटा की मंडली में तबला बजाते-बजाते राठौड़ जलोटा की बीबी का ही तबला बजा गए .तो आइये जानते हैं इस लस्ट स्टोरी के बारे में …
गुजराती फैमिली से ताल्लुक रखने वाली सोनाली सेठ अनूप जलोटा से भजन सीखती थी .धीरे-धीरे ये भगवद भजन ने सांसारिक रूप ले लिया और सोनाली ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर अनूप जलोटा से शादी कर ली .अब दोनों मिलकर भगवान् को याद करने लगे .इस भजन से भगवान् ने अनूप की तो नहीं सूनी लेकिन सोनाली पर ज्यादा खुश हुए और इस शादी से असंतुष्ट सोनाली की ज़िन्दगी में गजल गायक रूप कुमार राठौड़ को भेज दिया .सोनाली और राठौड़ की पहली मुलाकात अनूप जलोटा के ही एक कंसर्ट में हुई .अनूप हैंडसम थे और अपनी कला में माहिर थे. अनूप की ही सरपरस्ती में सोनाली और राठौड़ सुर-ताल मिलाते रहते और धीरे धीरे इस सुर ताल से दोनों के दिल के तार झंकृत होने लगे .अनूप जलोटा को इस झंकार का पता तब चला जब सोनाली ने जलोटा के साथ विदेशी कंसर्ट पर जाने से इंकार कर दिया .उधर रूप कुमार राठौड़ भी जलोटा से अलग होकर अपनी मंडली जमा चुके थे .जब तक जलोटा इस प्रेम कहानी से जलते तब तक काफी देर हो चुकी थी और सोनाली और राठौड़ एक-दूजे का होने की कसमें खा चुके थे. आखिरकार एक दिन सोनाली ने घर छोड़ ही दिया लेकिन दोनों को शादी करने में कुछ साल लग गए .
इस शादी से नाराज अनूप जलोटा ने बॉलीवुड में रूप कुमार राठौड़ की घेरेबंदी शुरू कर दी .उन्होंने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर ये श्योर किया की राठौड़ और सोनाली को इंडस्ट्री में कोई काम ना मिले .जलोटा दोनों का करियर ख़त्म करने में सफल हो भी जाते लेकिन इसी समय राठौड़ के सगे भाई श्रवण राठौड़ का नदीम-श्रवण की जोड़ी के रूप में बॉलीवुड में उदय हुआ और उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फ़िल्में देकर अपनी धाक जमा दी. खुद श्रवण अपनी भाई की मदद को आगे आए और उन्होंने फिल्म ‘दीवाना’ में राठौड़ को मौक़ा दिया .इस तरह श्रवण ने दुसरे म्यूजिक डायरेक्टर्स से भी भाई की सिफारिश की और धीरे-धीरे राठौड़ ने इंडस्ट्री में अपने पैर जमा लिए .इस तरह गुरु जलोटा हारमोनियम ही बजाते रहे और चेले रूप कुमार राठौड़ ने उनकी बीबी का ही तबला बजा दिया.