ज़िंदगी एक शतरंज की बिसात ही तो है. एक भी प्यादा इधर से उधर हुआ कि खेल ख़त्म. अगर अभिनेत्री रीना रॉय के फ़िल्मी करियर पर नज़र डालें तो ये बात एकदम सटीक लगेगी. 80 के दशक में रीना रॉय ने जिस वक़्त पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसीन खान से शादी कर बॉलीवुड को अलविदा कहने का निर्णय लिया उस समय वो अपने करियर की शीर्ष पर थी.
अपने बोल्ड अंदाज़ और बिंदास मिजाज के कारण रीना दर्शकों की चहेती बनी हुई थी. निर्माता-निर्देशक उन्हें हर कीमत पर अपनी फिल्म का हिस्सा बनाने को आतुर थे. बॉक्स ऑफिस पर रीना राय का नाम कामयाबी की गारंटी थी. लेकिन अपने मोहसीन के इश्क़ में रीना इस कदर डूबी हुई कि उसने तमाम शोहरत को एक झटके में झटक दिया और करियर के साथ हिंदुस्तान को भी अलविदा कह दिया. मोहसीन और रीना का पारिवारिक जीवन जल्द ही हिचकोले खाता नज़र आया और चंद साल बाद ही रीना की हालत न खुदा मिला ना सनम जैसी हो गई.
हिंदुस्तान लौटने के बाद उन्हें एहसास हुआ की उनका निर्णय गलत था. भावनाओं के बहाव में रीना तो जो कदम उठाया उसकी भरपाई फिर नहीं हो पायी और आज बॉलीवुड की ये पहली हॉट हीरोइन गुमनामी में जीने को विवश है.
बहरहाल बॉलीवुड में रीना रॉय को उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने बोल्ड अभिनय से सिनेप्रेमियों के दिलों पर राज किया. 7 जनवरी, 1957 को जन्मी रीना रॉय को बी.आर. इशारा ने अपनी फिल्म ‘नई दुनिया नए लोग’ से लॉन्च किया. इस फिल्म में रीना रॉय के अपोजिट डैनी थे, लेकिन कुछ कारणों से यह फिल्म थोड़े समय के लिए रूक गई. बाद में यह फिल्म वर्ष 1973 में प्रदर्शित हुई लेकिन सफल नहीं रही.
रीना की कामयाबी का सफर शुरू हुआ साल 1973 से, इस साल रीना रॉय को जितेंद्र के साथ ‘जैसे को तैसा’ में काम करने का मौका मिला, जो उनके करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई. इसके बाद 1976 रीना रॉय की ‘नागिन’ और ‘कालीचरण’ जैसी फिल्मों ने उन्हें बॉक्सऑफिस पर स्थापित कर दिया. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने लगभग 100 फिल्मो में अभिनय किया है. इनमें ‘नागिन’, कालीचरण, जानी दुश्मन, प्यासा सावन, अर्पण, आशा, धर्म काटा, सौ दिन सास के, आदमी खिलौना है, जैसी फिल्मों ने सफलता की जुबली मनाई.
फिल्मों के साथ-साथ रीना इश्क़ के मैदान में भी सक्रिय थी. सबसे पहले उनका नाम जुड़ा शत्रुघ्न सिन्हा से. उस समय शत्रुघन सिन्हा और रीना रॉय की जोड़ी बेहद हिट मानी जा रही थी. परदे के साथ-साथ निजी ज़िंदगी में भी उनकी केमिस्ट्री खूब जम रही थी. लेकिन अचानक दोनों के रिश्ते में दरार की खबर आई. जब तक ख़बरें बाहर आती तब तक रीना की ज़िंदगी में उस समय के उभरते पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान की एंट्री हो चुकी थी. मोहसिन उन दिनों पाकिस्तान के स्टार थे और रीना हिंदी फिल्मों की स्टार. अलग-अलग देश, परिवेश और रुचियों वाले दो स्टार मिले और जब किसी को वजह समझ में आती दोनों एक हो गए. रीना का ये फैसला इतना अप्रत्याशित था कि समूचा बॉलीवुड सकते में आ गया. लेकिन मियां-बीबी राजी तो क्या करेगा काजी..? हालांकि उनकी शादीशुदा जिंदगी ज्यादा दिनों तक खुशहाल नहीं रह सकी. उन्होंने अपने पति से तलाक लिया, जिसमें वह अपनी बेटी सनम की कस्टडी से हाथ धो बैठी. कुछ समय बाद उनके पति ने फिर से शादी कर ली और उन्हें अपनी बेटी की देखरेख का जिम्मा वापस मिल गया.
एक असफल पारिवारिक जिंदगी का भार ढो रही रीना के सामने अब जीवनयापन का सवाल मुंह बाए खड़ा था. तमाम संबंध और ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद बॉलीवुड उनकी वापसी को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं था. बॉलीवुड का अपना दस्तूर है और इस दस्तूर का शिकार रीना रॉय भी हुई. काफी मशक्कत के बाद साल 1992 में उन्हें फिल्म ‘भाभी’ में गोविंदा की भाभी बनने का मौका मिला. सपोर्टिंग रोल से उन्होंने अपनी वापसी की. उसके बाद उनकी 1993 में आई फिल्म ‘आदमी खिलौना है’ खासी चर्चा में रही. उनकी आखिरी फिल्म साल 2000 में आई ‘रिफ्यूजी’ थी. बॉलीवुड की अन्य बड़ी हीरोइनों की तरह रीना भी अपने समृद्ध अतीत के साथ अकेली है. किसी ने सच ही कहा है-“पल भर के रुकने से दूर हो गई मंज़िल, सिर्फ हम ही नहीं रास्ते भी चलते हैं.”