राजीव कपूर राज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे .हालाँकि घर में सबसे छोटा बेटा सबका लाडला होता है लेकिन ये राजीव कपूर की बदकिस्मती थी कि बड़ों ने उन्हें अंडरस्टीमेट करने की ही कोशिश की. पिता राज कपूर ने राजीव को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं .भाई रंधीर कपूर ने राजीव को हिना फिल्म से बाहर कर उनकी वापसी की उम्मीदों में पानी फेर दिया .यहाँ तक कि ऋषि कपूर भी हमेशा राजीव को दुत्कारते रहते थे. ऋषि और राजीव कपूर के संबंधों का जिक्र करते हुए अभिनेता राजा मुराद कहते हैं -मैंने राजीव के साथ नाग नागिन और हिना जैसी फिल्मों में भी काम किया था। प्रेम रोग की शूटिंग को याद करते हुए रजा मुराद ने कहा कि राजीव को कई बार उनके बड़े भाई ऋषि कपूर डांट देते थे। राजीव इस फिल्म में असिस्टेंट थे, जबकि ऋषि कपूर हीरो थे। ऋषि कई बार अपना आपा खो देते थे लेकिन राजीन ने कभी भी ऋषि कपूर को जवाब नहीं दिया। एक अच्छे छोटे भाई की तरह ऋषि कपूर का पूरा गुस्सा झेल जाते थे। अकेले में आकर मुझसे कहते थे- रजा भाई, छोटा होना जो है सबसे बड़ा गुनाह है, सबसे बड़ा पाप है। भगवान किसी को भी घर में सबसे छोटा ना बनाए।’
हालाँकि ऋषि कपूर ने अपनी किताब में राजीव कपूर की फिल्म की एडिटिंग स्किल्स की तारीफ की थी. उन्हें इस बात का एहसास फिल्म आ अब लौट चलें के दौरान हुआ था जिसका निर्देशन ऋषि कपूर ने किया था. उन्होंने अपनी बुक में लिखा, “साल 1999 में रिलीज हुई मेरी फिल्म आ अब लौट चलें में उसने एडिटिंग के लिहाज से गजब का काम किय… काम किया था और वह इस क्षेत्र में गजब का साबित हो सकता था, यदि उसने इसे लेकर खुद पर काम किया होता.ऋषि कपूर ने अपनी बुक में लिखा, “मुझे चिंपू (राजीव कपूर) की बहुत फिक्र रहती है और दुख होता है कि वह कभी भी अपनी वास्तविक क्षमताओं को नहीं पहचान सका.
राम तेरी गंगा मैली’ फ़िल्म के बाद आगे उन्हें काम नहीं मिला. जो भी काम मिला उसमें उन्हें वैसी कामयाबी नहीं मिली जिसकी उन्हें अपेक्षा थी. इसके बाद वो डिप्रेशन में चले गए.राजीव कपूर की मां ने बहुत कोशिश की राज कपूर राजीव को एक्टिंग में एक और मौक़ा दें लेकिन राज कपूर नहीं माने .क्योंकि उनका मानना था कि राजीव कभी एक्टर नहीं बन सकते.