खन्ना की खुन्नस की पहली कड़ी में हमने आपको राजेश खन्ना और राज कपूर की जंग की शुरुआत के बारे में बताया था. डिंपल कपाड़िया और राजेश खन्ना की शादी का विरोध कर राज कपूर खन्ना के निशाने पर आ चुके थे। डिंपल से शादी के बाद खन्ना ने राज कपूर को सबक सिखाने का फैसला किया और इस चक्कर में दोनों के बीच मार-पीट की नौबत आ गई।
27 मार्च 1973 को राजेश खन्ना और डिम्पल की शादी हो गई. डिम्पल की डोर हाथ में आते ही काका ने राजकपूर को फ़िल्मी नौटंकी का ककहरा पढ़ाना शुरू कर दिया .राज कपूर जब भी बॉबी की शूटिंग की प्लानिंग करते काका डिम्पल को लेकर कहीं और निकल पड़ते.बॉबी राज साहब के लिए केवल एक फिल्म भर नहीं थी बल्कि उनके लिए भविष्य की एक आस भी थी जिन पर उनकी उम्मीदों का सारा दारोमदार था.काका के इस रवैये से ऐसा लगने लगा कि बॉबी कभी पर्दे का मुंह नहीं देख पायेगी.हारकर राज साहब ने डिम्पल के पिता चुन्नुभाई पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया .आखिरकार चुन्नुभाई ने काका को समझा-बुझा कर उन्हें डिम्पल को सेट पर भेजने के लिए राजी कर लिया.राज साहब मुंबई से यूनिट लेकर वहां कश्मीर पहुँच गए. लेकिन तमाम मिन्नतों और कोशिशों के बाद भी जब काका डिम्पल को बॉबी के सेट पर भेजने को राजी नहीं हुए तो गुस्से में बिफरे राज कपूर उस होटल में जा धमके जहा काका टिके हुए थे.राज साहब के वेटिंगरूम में मौजूद होने की खबर मिलते ही काका शर्मिला टैगोर के कमरे में जा घुसे और शाम होते ही एयरपोर्ट का रूख कर लिया और मुंबई की फ्लाइट पकड ली .राजेश खन्ना के इस व्यवहार से राज साहब खून का घूँट पी कर रह गए लेकिन कर ही क्या सकते थे..दरअसल काका ऋषि और डिम्पल के किस्से सुन-सुन कर इतने ईर्ष्यालु हो चुके थे कि वो डिम्पल को किसी भी कीमत पर ऋषि के साथ काम करने देने को राजी नहीं थे..लेकिन राज कपूर भी राज कपूर ठहरे.काका के तमाम अरंगों के बावजूद फिल्म पूरी कर ही ली.
दोस्तों ! राजेश खन्ना वैसे तो किसी से उलझना पसंद नहीं करते थे लेकिन डिंपल कपाड़िया के कारण उन्हें कई लोगों से झगडे मोल लेने पड़े। इनमें मनोज कुमार भी शामिल थे जिनसे खन्ना का काफी अच्छा रिश्ता हुआ करता था. लेकिन इस रिश्ते के बीच डिंपल कपाड़िया की सेंधमारी ने उन्हें हमेशा के लिए एक-दुसरे का दुश्मन बना दिया। अगली कड़ी में राजेश खन्ना की दोस्ती और दुश्मनी के बारे में आपको विस्तार से बताएँगे।