Politics और Bollywood का काफी गहरा नाता रहा है. सितारों का राजनैतिक कनेक्शन तो बाहर आ जाता है लेकिन दिल का कनेक्शन अक्सर छिप या छिपा लिया जाता है. ऐसे कनेक्शन अंदर ही अंदर तो खूब फलते फूलते हैं लेकिन कभी किसी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते. ऐसा ही कनेक्शन था नेता राज ठाकरे और अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे का जो पर्दों के भीतर खूब रंग लाता रहा लेकिन आखिरकार राज ठाकरे की राजनैतिक महात्वाकांक्षा का शिकार बन गया.
सोनाली बेंद्रे की ख़ूबसूरती के तो वैसे बहुत से दि्वाने थे लेकिन जो नाम सोनाली के दिल के करीब आ पाया वो था राज ठाकरे. हालांकि उनकी लव स्टोरी को लेकर भी अलग-अलग कहानियां सुनने में आती हैं जैसे कि किसी का कहना है कि राज ठाकरे की मदद से ही सोनाली बेंद्रे को बॉलीवुड में काम मिला तो किसी का कहना है कि फिल्मों में सोनाली बेंद्रे को देखने के बाद राज ठाकरे का दिल सोनाली पर आ गया था.
इनकी बढ़ती नजदीकियों से नाराज बाल ठाकरे ने राज ठाकरे को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन जब फिर भी राज ठाकरे नहीं माने तो सीनियर ठाकरे ने राज को अपना उत्तराधिकारी बनाने का चारा फेंका और यहीं राज ठाकरे उलझ गये. आखिरकार राज ठाकरे ने खुद को सोनाली ने अलग रखने का फैसला किया और उन्हें दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंका. लेकिन राज ठाकरे ने जिस कुर्सी के लिए अपने प्यार की कुबानी दी वो कुर्सी भी उनके हाँथ से निकल गयी। बाल ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव ठाकरे के हाँथ में शिवसेना की जिम्मेदारी सौंप दी। राज ठाकरे ने अपनी अलग पार्टी ली और इन दिनों शिवसेना की कब्र खोदने में जुटे हुए हैं.