मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा 90 के दशक के ऐसे सफल निर्माता-निर्देशक थे जिनकी कामयाबी का सारा दारोमदार सुपरस्टार अमिताभ बच्चन पर निर्भर था. लेकिन दोनों के बीच जलन की वजह भी अमिताभ बच्चन ही थे. अमिताभ बच्चन इन दोनों दिग्गजों के बीच संतुलन बनाकर अपना काम निकाल लेते थे. एक बार ऐसा हुआ कि प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई खुलकर एक-दूसरे के सामने आ गए और एक-दूसरे के खिलाफ जबरदस्त बयानबाजी शुरू कर दी.
साल 1984 में अमिताभ बच्चन प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘शराबी’ में व्यस्त थे और मनमोहन देसाई की फिल्म ‘मर्द’ के लिए वक़्त नहीं दे पा रहे थे, जिससे देसाई काफी चिढ़े हुए थे. ‘शराबी’ की सफलता ने देसाई के जले पर नमक छिडकने का काम किया और उन्होंने स्टेटमेंट दिया की केवल एक शराबी ही ‘शराबी’ जैसी फिल्म बना सकता है और मर्द ‘मर्द’ जैसी फ़िल्में बनाता है. इस कमेंट को किस उद्देश्य से किया गया था ये तो नहीं पता, लेकिन चूंकि मेहरा इंडस्ट्री शराब पीने के नाम पर काफी बदनाम थे इसलिए उन्होंने इसे निजी तौर पर ले लिया. भड़के मेहरा ने जवाबी वार करते हुए कहा की देसाई ने कुली जैसी फिल्म भी बनाई है इससे साबित होता है वो फिल्मों में आने से पहले कुली का काम किया करते थे. दोनों की ये ज़ुबानी जंग मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरती रही.
मनमोहन देसाई की फिल्म को लटकाने के लिए मेहरा ने अमिताभ के साथ तुरंत एक और फिल्म ‘जादूगर’ बनाने की घोषणा कर दी और अमिताभ से कहा कि वो इस फिल्म के लिए एकमुश्त डेट्स एक साथ दे दें. अमिताभ मेहरा की चाल समझ गए लेकिन मेहरा को मना कर पाना संभव नहीं था. इसलिए उन्होंने कहा कि वो दोनों फिल्मों की शूटिंग एक साथ करेंगे. मर्द का थोड़ा ही शूट बचा हुआ था इसलिए वो पूरी हो गयी जबकि जादूगर फिल्म पूरी करने से पहले अमिताभ को राजीव गांधी के कहने पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए शूटिंग रोकनी पड़ी. मर्द तो 1985 में रिलीज हो गई लेकिन जादूगर को रिलीज होने के लिए 5 सालों का इंतज़ार करना पडा.