श्रीदेवी साउथ फिल्मों में काफी लोकप्रिय हो चुकी थी। उन्हीं दिनों के राघवेंद्र राव ने उन्हें हिंदी में काम करने का ऑफर दिया। श्रीदेवी हिंदी बोलती समझती नहीं थी लेकिन उन्हें हिंदी फ़िल्में देखना काफी पसंद था और जीतेन्द्र उनके फेवरिट एक्टर थे. श्रीदेवी ने जीतेन्द्र की फिल्म ‘कारवां’ कई बार देखी थी और उनकी फैन बन गयी थी। इसलिए जब उन्हें जीतेन्द्र के साथ ‘हिम्मतवाला’ का ऑफर मिला तो जैसे उनकी मन की मुराद पूरी हो गई .श्रीदेवी तो पहले से ही जीतेंद्र के लिए बाहें फैलाए खड़ी थी. जीतेंद्र ने भी इन खुली बांहों में घुसने का मौक़ा नहीं छोड़ा और इस तरह इस फ़िल्मी कहानी को निजी स्तर पर उतरने में ज्यादा समय नहीं लगा .
हिम्मतवाला की शूटिंग के दौरान जीतेंद्र ज्यादातर समय चेनई में ही बिताया करते थे और अक्सर श्रीदेवी के घर मेहमान हुआ करते थे. यानी मामला बिलकुल सही चल रहा था .दोनों के इश्क के चर्चे चेन्नई के अखबारों की सुर्खियाँ बन रही थी. लेकिन हर कोई इसे फिल्मी गॉसिप समझ कर टाल देता था. उन्हीं दिनों एक अख़बार ने श्रीदेवी को जीतेंद्र के कमरे से आधी रात को निकलते हुए कैमरे में कैद कर लिया और ये सुबह होते ही ये खबर चेन्नई के अखबारों की हेडलाइन बन गई .दरअसल श्रीदेवी शूटिंग के दौरान जीतेंद्र को खुश रखने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती थी.जीतेंद्र श्रीदेवी लिए बॉलीवुड की चाभी थे और श्रीदेवी इस चाभी से बॉलीवुड का ताला खोलने पर तुली थी .अब इस खेल कुछ भी दांव पर लगाना पड़े तो क्या फर्क पड़ता है .
आधी रात को कोई गैर मर्द के कमरे से छुपकर क्यों निकलता है -ये तो हम आपकी कल्पना पर छोड़ते हैं लेकिन बॉलीवुड में आधी रात के कई और किस्से भी मशहूर हैं.खैर.. जब ये खबर बाहर निकली तो इस खबर को मुंबई के अख़बारों ने भी नमक-मिर्च लगा कर छापा .बस फिर क्या था .जीतेंद्र की पत्नी चेन्नई में फिल्म के सेट पर जा पहुँची और जब तक जीतेंद्र शूटिंग करते रहे शोभा उनकी चौकीदारी में जुटी रही .जीतेंद्र ने शोभा को समझाने की काफी कोशिश की .इधर श्रीदेवी भी जीतेंद्र की दूसरी बीबी बनने को तैयार नहीं थी. आखिरकार इस रिश्ते का भी the end आ ही गया और दोनों की राहें हमेशा के लिए जुदा हो गई .