बकौल राजनेता अमर सिंह -अमिताभ बच्चन और जया बच्चन पिछले कई सालों से अलग-अलग रहते हैं. बावजूद इसके उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसे आदर्श जोड़े की छवि बना रखी है कि बॉलीवुड में इनकी मिसाल दी जाती है. बहरहाल। … अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की प्रेम कहानी में एक सफल फ़िल्मी पटकथा के सारे ट्विस्ट और टर्न मौजूद हैं. साथ-साथ काम करते हुए प्रेम का पनपना फिर चोरी-चोरी चुपके-चुपके मिलना ,घर वालों द्वारा पकड़ा जाना और शादी का दबाव-ये सारे रोमांच भी दोनों की प्रेम कहानी में मौजूद हैं.
प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ और जया एक-दुसरे के करीब आ गए। जया की सादगी और टैलेंट का पावरहाउस अमिताभ के लिए आकर्षण था तो जया के लिए उनका हरिवंश राय बच्चन का बेटा होना ही काफी था. कामयाबी के लिए अमिताभ की भूख ने जया बच्चन को गहराई से प्रभावित किया। लेकिन शायद दोनों अपने प्रेम का खुले-आम इजहार नहीं करना चाहते थे. कम से कम ‘ज़ंजीर’ के रिलीज होने से पहले तो बिलकुल नहीं। इसलिए दोनों अपने दोस्त चंद्रा बरोट के घर पर छुप-छुप के मिलने लगे।
ज़ंजीर’ की कामयाबी से फूले नहीं समा रहे निर्माता प्रकाश मेहरा ने इस फिल्म के सारे कलाकारों को विदेश यात्रा पर ले जाने का निश्चय किया। जाहिर है जया और अमिताभ भी साथ-साथ ही जाते। लेकिन जब ये बात अमिताभ के पिता हरिवंश रॉय बच्चन को पता चली तो उन्होंने एक अजीब सी शर्त रख दी. शर्त ये थी कि अगर अमिताभ, जया के साथ विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं तो दोनों को पहले शादी करनी पड़ेगी। तभी दोनों एक साथ बाहर जा सकते हैं. शादी इतनी जल्दी तो मुमकिन नहीं थी लेकिन विदेश यात्रा की डेट सामने खड़ी थी. अमिताभ और जया काफी पेशोपश में पड़ गए.
मुश्किल के इस समय में उनके दोस्त चंद्रा बरोट ही काम आये। उन्होंने उपाय निकाला कि दोनों एक पंडित के सामने शादी की रस्म अदा कर लें और विदेश यात्रा से लौटने के बाद फिर धूमधाम से इसकी घोषणा कर दें। और हुआ भी ऐसा ही। अमिताभ और जया बच्चन ने साउथ मुंबई के एक मंदिर में गुपचुप तरीके से शादी कर ली और विदेश यात्रा पर रवाना हो गए। वापस लौट कर जब उन्होंने शादी का ऐलान किया तो ज़ंजीर की पूरी यूनिट को मालूम था कि शादी भले ही अब हो रही है लेकिन हनीमून तो पहले ही हो गया। बहरहाल सालों बाद भी ये जोड़ी कहने को ही सही साथ-साथ तो है ही।