5 अप्रैल, 1993 में अचानक एक साथ रेडियो और दूरदर्शन पर एक खबर आयी जिसमे बताया गया कि मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भर्ती की मौत हो गयी है. इस खबर से पूरा बॉलीवुड सन्न रह गया. इंडस्ट्री के लिए ये खबर एक सदमे की तरह थी. आज भी दिव्या भारती की मौत बॉलीवुड के सबसे बड़े रहस्यों में शामिल है.
दिव्या भारती को फिल्मों में लेन का श्रेय गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार को जाता है. कीर्ति कुमार ने उन्हें एक वीडिओ लाइब्रेरी में देखा. दिव्या उन दिनों स्कूल की पढ़ाई में जुटी थी और कीर्ति कुमार अपनी फिल्म ‘राधा का संगम’ के निर्माण की तैयारियों में जुटे थे. जब कीर्ति कुमार ने दिव्या को पहली बार देखा तभी उन्हें इस फिल्म का ऑफर भी दे डाला. लेकिन हिंदी फिल्मों में दिव्या की शुरुआत हुई फिल्म ‘दिल का क्या कसूर’ से. इसके बाद दिव्या ने विश्वात्मा, दीवाना, शोला और शबनम जैसी हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी. इसी बीच उन्होंने निर्माता साजिद नाडियाडवाला से शादी भी कर ली. इससे पहले की दिव्या बॉलीवुड में करियर की ऊंचाइयों को छू पाती 1993 में हुई उनकी रहस्मयी मृत्यु से उनका करियर भी समाप्त हो गया. दिव्या की आकस्मिक मौत की वजह से कई फिल्में अधूरी रह गई, उन्हीं में से एक थी फिल्म रंग. फ़िल्म के मेकर्स ने दिव्या की बॉडी डबल के साथ जैसे तैसे पूरी कर ली. रिलीज़ से पहले मेकर्स ने पूरे बॉलीवुड के लिए एक स्पेशल स्क्रीनिंग रखी.
फिल्मसिटी का सिनेमाहॉल बॉलीवुड हस्तियों से खचाखच भरा हुआ था, सब बैठकर दिव्या भारती को आखरी बार बड़े परदे पर देखने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. फिल्म शुरू होने के 15 मिनट बाद वो सीन आया जब दिव्या भारती की एंट्री होनी थी. फिल्म में एक तेज़ रफ़्तार में कार आकर रूकती है और उसमे से निकलती है दिव्या भारती… सिनेमाहाल तालियों की गूंज से गरज उठा और जैसे ही दिव्या भर्ती का क्लोज अप आया जोरदार शार्ट सर्किट हुआ और पिक्चर स्क्रीन टूटकर नीचे गिर गई. मानो यह एक अनहोनी ही थी जिसके पीछे शायद किसी कुदरती शक्ति का हाथ था. सच्चाई क्या थी यह तो कोई नहीं जानता पर इस घटना के बाद फिर कभी दिव्या भारती का कभी कोई जिक्र नहीं आया…